
पंचायती राज मंत्रालय ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जन योजना अभियान (पीपीसी) 2025-26 की शुरुआत कर दी है। ‘सबकी योजना, सबका विकास’ थीम के तहत यह राष्ट्रव्यापी अभियान 2 अक्टूबर 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉन्च किया गया, जिसने वित्त वर्ष 2026-27 के लिए पंचायत विकास योजना (पीडीपी) तैयार करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
केंद्र सरकार के अनुसार, जन योजना अभियान (पीपीसी) की शुरुआत मूल रूप से 2 अक्टूबर 2018 को की गई थी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य पंचायत विकास योजनाओं को तैयार करने में लोगों की भागीदारी को अधिकतम करना है, ताकि ये योजनाएं साक्ष्य-आधारित और सही मायने में समावेशी बन सकें। अपनी शुरुआत के बाद से ही, यह अभियान पंचायतों को प्रभावी विकास योजनाएं तैयार करने में लगातार मदद करता रहा है।

भागीदारी, समग्रता और समन्वय पर ज़ोर
जन योजना अभियान का मूल उद्देश्य समयबद्ध तरीके से लोगों की भागीदारी वाली, समग्र और समन्वित विकास योजनाएं तैयार करना है। ये योजनाएं तीन महत्वपूर्ण स्तरों पर तैयार की जाती हैं:
ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी): ग्राम स्तर पर।
ब्लॉक पंचायत विकास योजना (बीपीडीपी): मध्यवर्ती (ब्लॉक) पंचायत स्तर पर।
जिला पंचायत विकास योजना (डीपीडीपी): जिला पंचायत स्तर पर।
ये योजनाएं इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि पंचायती राज संस्थाएं (पीआरआई) ग्राम स्तर पर आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। इन सेवाओं में जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़क, जल निकासी, स्ट्रीट लाइटिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण जैसी बुनियादी आवश्यकताएं शामिल हैं, जो सीधे तौर पर ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।
रिकॉर्ड 18 लाख से अधिक विकास योजनाएं अपलोड
पंचायती राज मंत्रालय के ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर उपलब्ध डेटा जन योजना अभियान की व्यापक पहुँच और सफलता को दर्शाता है। आँकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2025-26 में 29 जुलाई 2025 तक 18.13 लाख से अधिक पंचायत विकास योजनाएं (पीडीपी) पोर्टल पर सफलतापूर्वक अपलोड की गई हैं।

इनमें शामिल हैं:
17.73 लाख से अधिक ग्राम पंचायत विकास योजनाएं (जीपीडीपी)
35,755 ब्लॉक पंचायत विकास योजनाएं (बीपीडीपी)
3,469 जिला पंचायत विकास योजनाएं (डीपीडीपी)
यह संख्या दर्शाती है कि पंचायतें सक्रिय रूप से योजना निर्माण की प्रक्रिया में भाग ले रही हैं, जिससे जमीनी स्तर पर शासन व्यवस्था मजबूत हो रही है।

सतत विकास लक्ष्यों को जमीनी स्तर तक ले जाने की पहल
सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के वैश्विक एजेंडे को भारत में जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए, पंचायती राज मंत्रालय ने एक विषयगत दृष्टिकोण अपनाया है। इस दृष्टिकोण के तहत, 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को नौ व्यापक विषयों में समूहित किया गया है।
यह विषयगत दृष्टिकोण पंचायतों को ‘संपूर्ण सरकार और संपूर्ण समाज’ (Whole of Government and Whole of Society) के फ्रेमवर्क के अंतर्गत डेवलपमेंट प्लान तैयार करने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि योजनाएं केवल स्थानीय आवश्यकताओं को ही पूरा न करें, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के साथ भी संरेखित हों।
इसके अलावा, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) भी वीपीआरपी (Village Poverty Reduction Plan) तैयार करने में लगे हुए हैं, जो ग्राम स्तर पर समग्र विकास और मजबूती को और बढ़ावा देते हैं। इस तरह, जन योजना अभियान केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सामुदायिक भागीदारी, जवाबदेही और सशक्तिकरण की एक परिवर्तनकारी पहल है, जो भारत के ग्रामीण विकास की नींव को मजबूत कर रही है।

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