
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा उठाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों को पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पूरी तरह से समर्थन दिया है। पप्पू यादव ने कहा कि राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ के उन अलग-अलग पैटर्नों को उजागर किया है, जिन्हें चुनाव आयोग ने खुद तय किया है। उन्होंने चुनाव आयोग को भाजपा और आरएसएस का एजेंट बताते हुए उस पर गंभीर सवाल उठाए।
‘वोट चोरी’ का नया पैटर्न
पप्पू यादव ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “राहुल गांधी संविधान और आम आदमी के वोट के अधिकार की रक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने यह साफ तौर पर कहा है कि बड़ी संख्या में लोगों के वोट काटे जा रहे हैं। मैं पूछता हूं कि इतनी बड़ी तादाद में वोट क्यों काटे जा रहे हैं और इसके पीछे कौन है?” उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी ने उन तरीकों को उजागर करने का काम किया है, जिनके माध्यम से लोगों के वोट चोरी किए जा रहे हैं।
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर सीधे तौर पर हमला करते हुए कहा, “चुनाव आयोग भाजपा और आरएसएस का एजेंट है। वे संविधान विरोधी, दलित विरोधी, ओबीसी विरोधी और राष्ट्र विरोधी हैं। ऐसे लोगों को इस तरह के संवैधानिक पद पर नहीं रहना चाहिए।” उनके इस बयान ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
महागठबंधन की एकता पर जोर
राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के नेता पप्पू यादव ने महागठबंधन की एकता पर जोर दिया और कहा कि सभी पार्टियों की अपनी-अपनी पहचान है, लेकिन वे एकजुट होकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “हमारी पांच गारंटी हैं और उन्हें लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं। हम उन मुद्दों पर काम कर रहे हैं जो लोगों के लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली गई ‘वोट अधिकार यात्रा’ को आम लोगों का भारी समर्थन मिला है, जिससे यह साबित होता है कि लोग अपने वोट के अधिकार के प्रति जागरूक हैं। उन्होंने कहा कि हर पार्टी का घोषणापत्र कोई और तैयार नहीं कर सकता, और सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से काम करती हैं।
धीरेंद्र शास्त्री पर भी निशाना
पप्पू यादव ने बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर सरकार द्वारा प्रायोजित ‘मार्केटिंग’ करने का आरोप लगाया। पप्पू यादव ने कहा, “धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोग केवल मार्केटिंग के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित काम करते हैं। उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता है।” उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को ‘मूर्ख टाइप’ का बताते हुए कहा कि उनका ज्ञान और भारत की संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों की बातों को लोग हल्के में लेते हैं। पप्पू यादव ने कहा कि इस तरह के लोगों को नेपाल और पाकिस्तान भेज देना चाहिए। उनका यह बयान धार्मिक और राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस को जन्म दे सकता है।
पप्पू यादव के बयान ने एक बार फिर से बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। उनका राहुल गांधी के समर्थन में खुलकर सामने आना और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाना, बिहार में महागठबंधन की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

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