
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान की 23 महीने बाद जेल से रिहाई के बाद मुस्लिम समाज में खुशी का माहौल है। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आजम खान को जब सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब अखिलेश यादव ने उनका साथ नहीं दिया। मौलाना रजवी ने आजम खान को नई पार्टी बनाने की भी सलाह दी।
अखिलेश यादव पर ‘अहसान फरामोशी’ का आरोप
प्रेस को दिए एक बयान में मौलाना रजवी ने कहा कि आजम खान की रिहाई से मुस्लिम समुदाय में उत्साह है, क्योंकि उन्होंने रामपुर और उसके लोगों के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि आजम खान ने अपने खून-पसीने से समाजवादी पार्टी को सींचा है। मौलाना रजवी ने याद दिलाया कि कैसे आजम खान ने मुलायम सिंह यादव को ‘मुल्ला मुलायम’ बनाया और उनकी मेहनत से ही मुलायम और बाद में अखिलेश यादव कई बार मुख्यमंत्री बने।
रजवी ने अफसोस जताते हुए कहा कि जब आजम खान मुश्किल में थे, तब अखिलेश यादव ने उनका साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आजम खान और उनके परिवार को अकेले ही अपनी लड़ाई लड़नी पड़ी। इसे उन्होंने ‘अहसान फरामोशी’ का उदाहरण बताया।

नई पार्टी बनाने की सलाह
मौलाना रजवी ने आजम खान को सुझाव दिया कि जेल से बाहर आने के बाद वे अपने बिखरे हुए साथियों को एकजुट करें और एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन करें। उन्होंने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में आजम खान को अपने उम्मीदवार मजबूती से उतारने चाहिए, ताकि समाजवादी पार्टी को उनकी हैसियत का अंदाजा हो सके।
मौलाना रजवी ने यह भी दावा किया कि अगर आजम खान नई राजनीतिक पहल करते हैं, तो उत्तर प्रदेश का मुसलमान उनके साथ खड़ा दिखाई देगा और उनका समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि आजम खान की रिहाई मुसलमानों के लिए प्रेरणा है और यह उनके अधिकारों, सामाजिक न्याय और राजनीतिक हिस्सेदारी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी।
मौलाना के इस बयान से उत्तर प्रदेश की मुस्लिम राजनीति में हलचल मच गई है, क्योंकि यह सीधे तौर पर सपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की बात करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आजम खान इस सलाह पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या भविष्य में उत्तर प्रदेश में एक नई मुस्लिम-केंद्रित राजनीतिक पार्टी का उदय होता है।

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