
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच, असदुद्दीन ओवैसी की बिहार यात्रा पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि ओवैसी की पार्टी, एआईएमआईएम, का जनाधार अब समाप्त हो चुका है और इस बार उन्हें कोई भी वोट नहीं देगा।
“ओवैसी मुसलमान-मुसलमान जितना चिल्ला लें, उन्हें कोई वोट नहीं देगा”
किशनगंज में ओवैसी के चार दिन के दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, “उनका (एआईएमआईएम) वोट तो सब तेजस्वी यादव ले लिया है। अब उनके पास वोट ही नहीं है। इस बार तो कोई उन्हें वोट देगा ही नहीं।” उन्होंने ओवैसी पर सीधे हमला करते हुए कहा कि वह जितना भी ‘मुसलमान-मुसलमान’ चिल्ला लें, उन्हें अब कोई समर्थन नहीं मिलेगा। गिरिराज सिंह ने यहाँ तक दावा किया कि एआईएमआईएम जहाँ भी अपने उम्मीदवार खड़े करेगी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उन सबकी जमानत जब्त करा देगा।
यह बयान इस बात का संकेत है कि भाजपा बिहार में मुस्लिम वोटों के विभाजन को लेकर आश्वस्त है। गिरिराज सिंह का मानना है कि एआईएमआईएम के पारंपरिक समर्थक अब राजद के खेमे में चले गए हैं, जिससे ओवैसी का राजनीतिक प्रभाव घट गया है।
“भाजपा की सरकार डंके की चोट पर बनेगी”
ओवैसी के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे किसी भी कीमत पर भाजपा को नहीं जीतने देंगे, गिरिराज सिंह ने तुरंत पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार “डंके की चोट पर बनेगी।” उन्होंने एक लोकप्रिय कहावत का जिक्र करते हुए कहा, “कसाई के श्राप से गाय नहीं मरती।” यह कहकर उन्होंने ओवैसी को यह चेतावनी दी कि उनकी नकारात्मक राजनीति भाजपा की जीत को नहीं रोक पाएगी।
गिरिराज सिंह ने ओवैसी के साथ-साथ ‘नेपोकिड’ (जिसका नाम उन्होंने स्वयं नहीं रखा, बल्कि उन्हीं की पार्टी का नाम रखा है) शब्द का भी इस्तेमाल किया, जो संभवतः राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ओर इशारा था। उनका यह बयान दिखाता है कि भाजपा आगामी चुनावों में अपने विरोधियों को कमजोर और वंशवाद की राजनीति का प्रतीक साबित करने की कोशिश कर रही है।

महागठबंधन के ‘विजन डॉक्यूमेंट’ पर सवाल
केंद्रीय मंत्री ने महागठबंधन के ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ और कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को लेकर भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पहले उन लोगों को ‘नेपोकिड’ का जवाब देना चाहिए। गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि महागठबंधन का विजन डॉक्यूमेंट “भारत विरोध और बिहार को गाली देना” है।
उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस रेवंत रेड्डी को बिहार लाकर यहाँ के लोगों को चिढ़ा रही है, जिन्होंने बिहार के लोगों को अपमानित किया था। इसी तरह, उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को भी निशाने पर लिया, जिनकी पार्टी और मंत्रिपरिषद पर हिंदुओं और बिहारियों को गाली देने का आरोप लगाया गया है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि ‘नेपोकिड’ का विजन डॉक्यूमेंट प्रधानमंत्री को अपमानित करना है। इस टिप्पणी से यह स्पष्ट है कि भाजपा महागठबंधन के ‘न्याय संकल्प’ को खारिज करते हुए उसे केवल प्रधानमंत्री और भाजपा विरोधी एजेंडे के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है।
महागठबंधन ने हाल ही में ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ कार्यक्रम में 10 संकल्पों को लागू करने का वादा किया था, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सहित अन्य घटक दलों के नेता उपस्थित थे। गिरिराज सिंह के बयान से साफ है कि भाजपा इन वादों पर सीधे हमला करने के बजाय, महागठबंधन के नेताओं के बयानों और उनकी कथित भारत विरोधी राजनीति पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
कुल मिलाकर, गिरिराज सिंह का बयान बिहार की चुनावी लड़ाई की दिशा तय करता दिख रहा है। यह स्पष्ट है कि भाजपा अपने विरोधियों के बीच विभाजन को उजागर करने, उन्हें ‘भारत विरोधी’ और ‘वंशवादी’ साबित करने, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकास’ और ‘राष्ट्रवाद’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है।

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