
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान ने बुधवार को बुलंदशहर में महिला संबंधी मामलों पर जनसुनवाई की। इस दौरान उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए महिलाओं से जुड़े मुद्दों और हालिया विवादित बयानों पर अपनी बेबाक राय रखी। डॉ. चौहान ने ‘आई लव मोहम्मद’ और मौलाना तौकीर के डांडिया कार्यक्रम संबंधी बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये मुद्दे समाज में सिर्फ भ्रम फैलाने और राजनीति करने के लिए उठाए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता इन बातों से प्रभावित नहीं होती।
“पाप का घड़ा भर चुका है, बड़ा विस्फोट होगा”
मौलाना तौकीर के बयान पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए डॉ. बबीता चौहान ने कहा कि मुस्लिम समाज ने आज तक महिलाओं को बराबरी का अधिकार नहीं दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम महिलाओं को हमेशा घर की चारदीवारी में कैद रखा गया है और उन्हें सिर्फ बच्चों को जन्म देने और परिवार बढ़ाने तक ही सीमित रखा गया है।
चौहान ने चेतावनी देते हुए कहा, “अब मुस्लिम महिलाएं विद्रोह करना सीख चुकी हैं, लेकिन उन्हें घर से बाहर आने से रोका जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि “पाप का घड़ा भर चुका है, और जिस दिन यह फूटेगा, उस दिन बड़ा विस्फोट होगा।” यह बयान मुस्लिम समुदाय के भीतर महिलाओं की स्थिति पर एक गंभीर और तीखी टिप्पणी है।

घरेलू हिंसा के मामलों में मोबाइल और सोशल मीडिया की भूमिका
डॉ. चौहान ने बताया कि महिला आयोग के पास सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा से संबंधित आते हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों को हल करने में उन्हें खुशी मिलती है, क्योंकि उनका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच सुलह कराना होता है। उन्होंने कहा कि वे किसी एक पक्ष की बात सुनकर फैसला नहीं लेतीं, बल्कि पति और उसके परिवार को भी बुलाकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत के जरिए समझौता कराने की कोशिश करती हैं।
उन्होंने यह भी माना कि आज के समय में घरेलू हिंसा के मामलों के पीछे मोबाइल फोन और सोशल मीडिया एक बड़ी वजह बनते जा रहे हैं। उनका मानना है कि जब परिवार के लोग आपस में बैठकर बातचीत करते हैं, तो कई बार रिश्तों में सुधार हो जाता है और टूटता हुआ परिवार बच जाता है।
“सशक्त नारी, समृद्ध प्रदेश”: योगी सरकार की पहल
डॉ. चौहान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे ‘सशक्त नारी, समृद्ध प्रदेश’ की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह नारा वास्तव में महिलाओं के जीवन को नई दिशा देने वाला है। उनके अनुसार, यह नारा महिलाओं के रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि पहले कभी महिलाओं पर इतनी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन अब मिशन शक्ति अभियान 5.0 के अंतर्गत महिलाओं को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान ने पुरानी योजनाओं को और मजबूत किया है और अब अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महिलाओं तक योजनाओं का लाभ सीधे पहुँचे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता को महिलाओं के सशक्तीकरण का आधार बताते हुए कहा कि यह केवल महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के विकास के लिए भी जरूरी है।
मनोरंजन जगत पर भी टिप्पणी
डॉ. चौहान ने अभिनेता शाहरुख खान को नेशनल अवार्ड मिलने पर खुशी जाहिर की और उन्हें इस सम्मान के योग्य बताया। हालांकि, जब उनसे अभिनेत्री पूनम पांडे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह ऐसी हस्ती नहीं हैं, जिसके बारे में गंभीरता से बात की जाए।
कुल मिलाकर, डॉ. बबीता चौहान का यह दौरा और उनकी टिप्पणियां कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने न केवल घरेलू मुद्दों पर बात की, बल्कि मुस्लिम महिलाओं की स्थिति और सामाजिक सद्भाव जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी खुलकर अपनी राय रखी।

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