
बिहार में राजनीति का एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव खुद एक पीड़ित के साथ मिलकर नगर विकास मंत्री जिवेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचे। यह घटना सोमवार को दरभंगा के सिंहवाड़ा थाने में हुई, जहां तेजस्वी ने यू-ट्यूबर दिलीप कुमार सहनी उर्फ दिवाकर के साथ मारपीट के मामले में मंत्री पर केस दर्ज कराया।
यह पूरा मामला 14 सितंबर की देर शाम का है, जब रामपट्टी गांव में मंत्री जिवेश कुमार की मौजूदगी में दो गुटों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें दिलीप कुमार घायल हो गए थे। मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए तेजस्वी यादव लगभग 45 मिनट तक थाने में बैठे रहे। इस दौरान उनके साथ सांसद संजय यादव, पूर्व मंत्री ललित यादव, अब्दुलबारी सिद्दीकी और भोला यादव जैसे कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
तेजस्वी ने साधा निशाना, बताया ‘मीडिया पर हमला’
थानाध्यक्ष बसंत कुमार ने पुष्टि की है कि दिलीप कुमार सहनी के आवेदन पर मंत्री जिवेश कुमार और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस घटना के बाद पटना और दरभंगा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने मंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री ने दिलीप के साथ मारपीट की है, जिसे उन्होंने “मीडिया पर हमला” बताया। तेजस्वी ने यह भी कहा कि “ऐसे लोकतंत्र नहीं चल सकता” और प्रधानमंत्री की टीम में ऐसे लोग हैं, जिन पर दवा चोरी जैसे आरोप लगते रहे हैं।
वहीं, एफआईआर दर्ज कराने वाले दिलीप ने मीडिया को बताया कि वह एक यू-ट्यूबर बनने की कोशिश कर रहे हैं और इसी सिलसिले में वह मंत्री से सवाल पूछने गए थे, जिसके बाद उनके साथ मारपीट की गई।
थाने के बाहर हुआ हंगामा
जिस समय तेजस्वी यादव थाने के अंदर एफआईआर दर्ज करा रहे थे, उस समय थाने के बाहर उनके समर्थक मंत्री जिवेश कुमार के खिलाफ जोर-शोर से नारेबाजी कर रहे थे। दूसरी ओर, सड़क के पश्चिम की तरफ कुछ लोग काले झंडे लहरा रहे थे और तेजस्वी यादव के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। तेजस्वी के थाने से निकलने तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहा। बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर दोनों गुटों को शांत कराया। यह घटना बिहार की राजनीति में बढ़ते टकराव को दर्शाती है।

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